परीक्षा की घडी ही तय करती हैं की जातक कितना
बुद्धीमान हैं और कितना मूर्ख हैं। जीवन में कई ऐसे अवसर आते हैं जब व्यक्ति
अत्यधिक मेहनत करते हुये भी सफल नही हो पाता,
विद्धार्थि वर्ग विशेष रूप से अपनी दिमागी क्षमता
एंव बुद्धिमता को लेकर संशय में रहता है। व्यक्ति अपनी बुद्धि बढाने के लिये अनेक
प्रयास करता है अनेक प्रकार के डॉक्टरी ट्रीटमेंट और मेडिसन प्रयोग करता हैं तो
कोई अनेक खाद्य प्रदार्थो का प्रयोग अपनी बुद्धि विकास हेतु करता है। इन सब के इतर
ज्योतिष शास्त्र में ऐसे कुछ सिद्ध उपाय हैं जिनके माध्यम से सिर्फ बौद्धिक क्षमता
में ही विकास नही होता बल्कि व्यक्ति के उद्देश्यों की भी पूर्ती होने के साथ सम्मान और
ख्याती भी मिलती हैं।
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